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FALUN DAFA INTRODUCED TO RESIDENTS IN WHITEFIELD BANGALORE SOUTH INDIA

FALUN DAFA INTRODUCED TO RESIDENTS IN WHITEFIELD BANGALORE SOUTH INDIA

 

Bangalore road number 5 near KTPO in Whitefield Bengaluru on Sunday 28th of May2023 saw enthusiastic crowd early morning 6-9 as Happy Street an initiative of the Times Of India newspaper had returned to Bengaluru after two months break .  Among the sea of booths  where zumba , pottery making , rabbit to cuddle ,board games etc along with falun dafa booth in the corner. 








                  Falun dafa volunteers demonstrated exercises to many people , many attendes stopped to learn the exercises & asked details of online webinars, where it is practised regularly  and all details about falun dafa .Many of them gave the exercises a try themselves.

Manoj Modi one of the attendees felt Falun Dafa exercise is destressing quickly & so much relaxing . He felt exercises are on a particular rythmn & slow moving with soothing music .Sarath Chandra a freelance designer felt very refreshed after doing the exercises.

Falun Dafa practitioners will continue to attend the Happy Street events by Times Group in different venues in Bengaluru.

विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्य विकास अधिकारी व अन्य अधिकारियों द्वारा विकास भवन परिसर में किया गया वृक्षारोपण और दिलाई गई शपथ।

विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्य विकास अधिकारी व अन्य अधिकारियों द्वारा विकास भवन परिसर में किया गया वृक्षारोपण और दिलाई गई शपथ।

 

कासगंज: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी सचिन द्वारा विकास भवन परिसर में जिला विकास अधिकारी संजय कुमार व अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ वृक्षारोपण किया गया तथा विकास भवन सभागार में पर्यावरण को बचाने के लिये समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों को शपथ दिलाई गई।  

         पर्यावरण को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाये रखने के लिये मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला पंचायतराज अधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, कार्यकारी अधिकारी मत्स्य सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारियों एवं विकास भवन स्थित समस्त विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा शपथ ली गई कि-मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि पर्यावरण को बचाने के लिये अपने दैनिक जीवन में हर संभव बदलाव लाऊंगा। मैं यह भी वचन देता हूं कि मैं अपने परिवार, मित्रों और अन्य लोगों को पर्यावरण के अनुकूल आदतों और व्यवहारों के महत्व के विषय में सतत् रूप से प्रेरित करूंगा।

         मुख्य विकास अधिकारी ने इस अवसर पर कहा कि मानव जीवन की रक्षा के लिये पर्यावरण का स्वच्छ और प्रदूषण रहित होना अत्यंत आवश्यक है। बीमारियों से बचाव और मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। पर्यावरण की स्वच्छता के लिये निरंतर वृक्षारोपण होना बहुत जरूरी है। अधिक से अधिक पौधे लगाये जायें, साफ सफाई रखने, प्लास्टिक, कचरे के उचित निस्तारण और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाये रखने पर पूरा ध्यान दिया जाये।

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स्वनिधि से समृद्वि एवं मैं भी डिजीटल कैम्प का नगरीय निकायों में आयोजन 10 जून तक, वैण्डर्स को लाभांवित कर किया जायेगा एक्टिव।








कासगंज: मिशन निदेशक राज्य शहरी आजीविका मिशन के निर्देशानुसार स्वनिधि लाभार्थियों एवं उनके परिवार को केन्द्रीय योजनाओं पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, पीएम जनधन योजना, रजिस्ट्रेशन अंडर बीओसीडब्लू, पीएम श्रमयोगी मानधन योजना, वन नेशन वन राशनकार्ड, जननी सुरक्षा योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना से लाभांवित कराये जाने हेतु 05 से 10 जून 2023 तक स्वनिधि से समृद्वि एवं मैं भी डिजीटल, कैम्पों का आयोजन कराया जायेगा।

        उक्त जानकारी देते हुये परियोजना अधिकारी डूडा सुभाषवीर सिंह राजपूत ने बताया कि नगरीय निकायों में प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक आयोजित होने वाले कैम्पों में  अधिक से अधिक पथ विक्रेताओं, वैण्डर्स एवं उनके परिवारों को विभिन्न बैंक शाखाओं के द्वारा योजनाओं से लाभांवित कराया जायेगा।

         इसके साथ ही पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत इन एक्टिव-निष्क्रिय पथ विक्रेताओं, वैण्डर्स को एक्टिव किये जाने के लिये 08 जून 2023 तक साप्ताहिक डिजिटल अभियान चलाया जा रहा है। जिससे त्वरित गति से वैण्डर्स को डिजिटल एक्टीवेशन एवं ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिये प्रेरित किया जाना है। बैंक शाखाओं के माध्यम से वैण्डर्स को क्यूआर कोड प्रदान किया जा रहा है। जिससे अधिक से अधिक वैण्डर्स डिजीटल एक्टिव हों और डिजीटल ट्रांजेक्शन बढ़ाकर भारत सरकार की अपेक्षा के अनुसार लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

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उत्कृष्ट उपलब्धियों, योगदान एवं सेवा के लिये उपाधियों हेतु आवेदन आमंत्रित।


कासगंज: विगत वर्षों की भांति भारत सरकार द्वारा आगामी गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2024 को दी जाने वाली पदम विभूषण, पदम भूषण तथा पदमश्री उपाधियों के लिये महानुभावों का नाम प्रस्तावित करने के लिये ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की गई है। जिसके फलस्वरूप सम्बंधित महानुभावों के बारे में संस्तुतियां राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन भारत सरकार को भेजी जायेंगी। विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट एवं उत्कृष्ट उपलब्धि, योगदान एवं सेवा के लिये सम्बंधित महानुभावों के नाम आमंत्रित किये गये हैं।

        अपर जिलाधिकारी डा0 वैभव शर्मा ने जिले के तीनों उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि उक्त उपाधियों से सम्बंधित महानुभावों के नाम प्रस्तावित करने के लिये उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व के सम्बंध में निर्धारित प्रपत्र पर सूचना विलम्बतम 10 जुलाई 2023 तक उपलब्ध करा दी जाये।

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लावारिस बालिका के सम्बंध में यदि जानकारी हो तो बतायें।


कासगंज: चाइल्ड लाइन टीम द्वारा एक लावारिस बालिका को बाल कल्याण समिति कासगंज के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बालिका की आयु लगभग 4 वर्ष है। अपना नाम सुप्रिया, पिता का नाम गंगा प्रसाद बताया है परंतु बालिका अपना पता बताने में सक्षम नहीं है। बालिका का रंग सांवला, फिरोजी और नीले रंग की चैन वाली फ्राक पहने हुये थी, बालिका काले रंग का धागा भी पहने हुये थी। वर्तमान में बालिका राजकीय बाल गृह मथुरा में आवासित है।

         यदि बालिका के सम्बंध में किसी व्यक्ति के पास कोई जानकारी हो तो बाल कल्याण समिति कासगंज या जिला प्रोबेशन अधिकारी/एसडीएम न्यायिक कासगंज विनोद कुमार जोशी के मोबा0 नं0 7518024068 से संपर्क कर अवगत करा दें, जिससे बालिका को उसके परिवार में भेजा जा सके।

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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत विवाह हेतु पात्र करें शीघ्र आवेदन

कासगंज: जनपद में सामूहिक विवाह कार्यक्र्रम का आयोजन विकासखण्ड स्तर पर माह जून के प्रथम सप्ताह में किया जाना प्रस्तावित है। जिस हेतु आवेदन आमंत्रित है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत आवेदन करने हेतु आवेदक के परिवार की आय रूपये 2,00,000 वार्षिक से कम होनी चाहिए, विवाह हेतु आवेदन में पुत्री की आयु विवाह की तिथि को 18 वर्ष या उससे अधिक एवं वर के लिए 21 वर्ष की आयु पूर्ण हो गयी हो, आयु की पुष्टि के लिए स्कूल शैक्षिक रिकार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड/मतदाता पहचान पत्र/ मनरेेगा जॉब कार्ड मान्य होंगे, अनुसूचित जाति/जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सामूहिक विवाह योजनान्तर्गत कन्या के दाम्पत्य जीवन की खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना हेतु सहायता राशि रूपये 35,000 कन्या के खाते में अन्तरित की जाती है, विवाह संस्कार के लिये रू0 10,000 का सामान भेेंट स्वरूप एवं रू0 6,000 कार्यक्रम आयोजन हेतु भोजन पण्डाल पेयजल विद्युत/प्रकाश एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं पर व्यय करने का प्राविधान हैं।

        उक्त जानकारी देते हुये मुख्य विकास अधिकारी सचिन ने बताया है कि लाभार्थी अपने आवेदन ग्रामीण क्षेत्र हेतु सम्बन्धित विकासखण्ड में तथा नगरीय क्षेत्र हेतु सम्बंधित नगरीय निकाय में सम्पर्क कर जमा कर सकते हैं।

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B M K U के बैनर तले कासगंज में किसानों ने गांधी जी के विचारों को आत्मसात कर चलने का संकल्प लिया

B M K U के बैनर तले कासगंज में किसानों ने गांधी जी के विचारों को आत्मसात कर चलने का संकल्प लिया

 * अल्लीपुर गांव में सफाई व्यवस्था एवं सड़क निर्माण मांग को लेकर बी डी ओ को ज्ञापन प्रेषित किया,


* विकास मांगों को लेकर बेरोजगार मजदूर किसान यूनियन द्वारा गांव गांव से उठाई जा रही आवाज,


B M K U के बैनर तले कासगंज में किसानों ने गांधी जी के विचारों को आत्मसात कर चलने का संकल्प लिया,


कासगंज,आज़ दिनांक 18/05/2023 को बेरोजगार मजदूर किसान यूनियन के ग्राम अध्यक्ष अल्लीपुर सुरेश वर्मा द्वारा ग्राम विकास अधिकारी कासगंज महोदय को ज्ञापन कर अल्लीपुर तिलसई कलां ग्रामपंचायत में सफाई व्यवस्था एवं सड़क निर्माण मांग को लेकर



 मांग उठाई वर्षों से उपेक्षित सड़क निर्माण व सफाई व्यवस्था से ग्राम वासियों को निरंतर दिक्कतों से रुबरू होना पड़ रहा है बी डी ओ कासगंज महोदय द्वारा आश्वासन दिया गया कि वह शीघ्र ही गांव में टीम भेज समस्याओं का समाधान करायेगे, मुख्य रूप से मौजूद जिलाध्यक्ष अनार सिंह वर्मा ने बताया कि बेरोजगार मजदूर किसान यूनियन कासगंज के ग्राम ग्राम के विकास मांगों को गांधी जी के विचारों को आत्मसात कर संकल्पित है और निरन्तर आवाज उठाएं हुए हैं 30 मार्च 23 रामनवमीं से अनिश्चितकालीन धरना ग्राम ढिलावली की विकास मांगों को लेकर चल रहा है अहिंसात्मक तरीके से संघर्ष जारी रहेगा ज्ञापन प्रेषित करने वाले बेरोजगार मजदूर किसान यूनियन के जिला संरक्षक, डॉ हुकुम सिंह,अल्लीपुर प्रधान पुत्र भूपेंद्र प्रताप सिंह,अतिंदर लोधी, आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे

भारत में मनाई गई फालुन दाफा साधना अभ्यास की 31वीं सालगिरह

भारत में मनाई गई फालुन दाफा साधना अभ्यास की 31वीं सालगिरह

 

बैंगलोर में आयोजित की गयी अनुभव साझाकरण कॉन्फेरेंस

13 मई का दिन पूरे विश्व में फालुन दाफा अभ्यासियों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। फालुन दाफा, जिसे फालुन गोंग भी कहा जाता है, मन और शरीर का एक उच्च स्तरीय साधना अभ्यास है जिसकी शुरुआत गुरु ली होंगज़ी द्वारा 13 मई, 1992 को चीन में की गयी थी। इस वर्ष दुनियाभर में फालुन दाफा की 31वीं सालगिरह मनाई जा रही है। 

शिक्षाओं के अतिरिक्त, फालुन दाफा में पांच व्यायाम भी सिखाये जाते हैं जो गति में धीमे, सौम्य और ध्यान पर आधारित हैं। व्यायाम सीखने में सरल किन्तु प्रभावशाली हैं और पूरी तरह नि:शुल्क सिखाये जाते हैं। फालुन दाफा अभ्यास अक्सर बाहर पार्कों या सार्वजनिक स्थलों पर सिखाया जाता है।  

फालुन दाफा और इसके संस्थापक, श्री ली होंगज़ी को, दुनियाभर में 1,500 से अधिक पुरस्कारों और प्रशस्तिपत्रों से नवाज़ा गया है। श्री ली होंगज़ी को नोबेल शांति पुरस्कार व स्वतंत्र विचारों के लिए सखारोव पुरस्कार के लिए भी मनोनीत किया जा चुका है। 

फालुन दाफा भारत में

फालुन दाफा को भारत में सन 2000 से सिखाना आरम्भ किया गया। तब से, देश भर के अनेकों  स्कूल और कॉलेजों में इस ध्यान अभ्यास को सिखाया गया है। कई बड़े संगठनों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों लिए फालुन दाफा की कार्यशालाएं आयोजित की हैं। मुंबई के अनेक फैशन मॉडल्स भी अपने भागदौड़ भरे जीवन में स्थिरता और तनावमुक्ति के लिए फालुन दाफा को अपना रहे है। 

चीन में दमन







फालुन दाफा को पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया। आज, जहाँ 100 देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग इसका अभ्यास कर रहे हैं, दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां 1999 से इसका दमन किया जा रहा है जो आज तक जारी है।

विश्व फालुन दाफा दिवस की गतिविधियाँ 

दुनिया भर के फालुन दाफा अभ्यासी इस दिवस को गरिमापूर्वक मनाते हैं और रैलिओं, प्रदर्शनियों और सम्मेलनों का आयोजन करते हैं। भारत में भी विश्व फालुन दाफा दिवस की गतिविधियाँ एक सप्ताह पहले से ही आरम्भ हो गईं। इसके अभ्यासियों ने सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित होकर गुरु ली होंगज़ी का आभार व्यक्त किया और लोगों को अभ्यास सिखाये। 

बैंगलोर में 2 दिन की अनुभव साझा कॉन्फेरेंस आयोजित की गयी जिसमे देश-विदेश से करीब 180 अभ्यासियों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर एक इनडोर रैली का आयोजन किया गया जिसमे अनेक प्रतिष्ठित वक्ताओं ने भाग लिया। जाने-माने अभनेता श्री प्रकाश बेलवाडी ने बताया कि फालुन दाफा जैसे प्राचीन अभ्यास ही मानवजाति के आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका हैं। एक अन्य वक्ता श्रीमती जीजा सिंह, राज्य की पहली महिला आईपीएस अधिकारी ने एक वीडियो संदेश पर चीन में फालुन दाफा अभ्यासियों के दमन की निंदा की। इस अवसर पर श्री प्रकाश बेलवाडी द्वारा फालुन दाफा की मलयालम भाषा की पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।

यदि आप भी इस अनोखे अभ्यास को सीखने के इच्छुक हैं तो www.learnfalungong.in पर इसके नि:शुल्क वेबिनार के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। फालुन दाफा के बारे में अधिक अधिक जानकारी आप www.falundafa.org पर पा सकते हैं।

अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी का 120 वाँ जन्मदिन लक्ष्य के प्रान्तीय उपाध्यक्ष  रामचन्द्र वर्मा के कासगंज के आवास विकास काॅलोनी में स्थित आवास पर सम्पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया

अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी का 120 वाँ जन्मदिन लक्ष्य के प्रान्तीय उपाध्यक्ष रामचन्द्र वर्मा के कासगंज के आवास विकास काॅलोनी में स्थित आवास पर सम्पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया

 शहीद गुलाब सिंह लोधी राष्ट्र की धरोहर : रामचन्द्र वर्मा


अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी का 120 वाँ जन्मदिन लक्ष्य के प्रान्तीय उपाध्यक्ष  रामचन्द्र वर्मा के कासगंज के आवास विकास काॅलोनी में स्थित आवास पर सम्पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। अमर शहीद गुलाब सिंह लोधी की प्रतिमा पर उपस्थित नागरिकों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर नमन किया। 


शहीद गुलाब सिंह लोधी के जन्मोत्सव पर बोलते हुए लक्ष्य के प्रान्तीय उपाध्यक्ष रामचन्द्र वर्मा ने कहा कि गुलाब सिंह लोधी का बलिदान अद्भुत और अद्वितीय है। लखनऊ के झण्डा वाले पार्क में तिरंगा फहराने का कार्यक्रम था। अंग्रेजी फौज किसी भी कीमत पर क्रांतिकारियों को तिरंगा फहराने से रोकने को तत्पर थी। अंग्रेजी फौज के सामने कोई भी तिरंगा फहराने का साहस नहीं कर पा रहा था। इसी बीच उन्नाव के चंदिकाखेड़ा गाँव का एक साहसी और निडर युवा अंग्रेजी फौज को चकमा देकर पैना और झण्डा लेकर पार्क के अंदर एक पेड़ पर चढ़ गया। पैना में झण्डा लगाकर फहरा दिया और भारत माँ की जय का उद्घोष करने लगा। वहाँ उपस्थित भीड़ भी गुलाब सिंह लोधी के साथ भारत माँ की जय का उद्घोष करने लगी। गुलाब सिंह लोधी का यह पराक्रम और देशभक्ति अंग्रेजी फौज को नागवार गुजरी। फिर क्या, गुलाब सिंह के ऊपर गोलियों की बौछार होने लगी। भारत माँ का लाल गुलाब सिंह भारत माँ की जय बोलता हुआ धरती पर गिर पड़ा और शहीद हो गया। वर्मा ने कहा कि गुलाब सिंह लोधी का  महान बलिदान हम सबको देशभक्ति की भावना से भर देता है। 




इस अवसर पर कवि राम बहादुर उग्र, कैप्टन सेव सिंह, के के सिंह, डाॅ ग्रीस भारत, खूबेन्द्र सिंह लोधी, प्रधान डालचंद्र, संजीव राजपूत, विवेक शंकर,  वीरेन्द्र राजपूत शिक्षक  , संदीप राजपूत, शिवकुमार हमदर्द,  - कवि अनार सिंह वर्मा सहित अनेक समाज सेवी उपस्थित रहे।

लक्ष्य संस्था कासगंज द्वारा जनपद मैं टॉप टेन  में स्थान बनाने वाले छात्र छात्राओं  व विद्यालय स्टाफ को  सम्मानित किया।

लक्ष्य संस्था कासगंज द्वारा जनपद मैं टॉप टेन में स्थान बनाने वाले छात्र छात्राओं व विद्यालय स्टाफ को सम्मानित किया।

 

आज दिनांक -28-04-2023को सामाजिक एवं शैक्षणिक संगठन "लक्ष्य" ने वीरांगना अवन्तीबाई कन्या इण्टर कॉलेज साक्षी धाम जलीलपुर (कासगंज) पर पहुंचकर     शिक्षक/  शिक्षिकाओ व विद्यालय  की छात्रा -शिवा कुमारी 12th(जिले में तीसरा स्थान),प्रीती कुमारी 10th(जिले में सातवाॅं स्थान), हेमलता वर्मा10th(जिले में आठवाॅं स्थान ),अविका कुमारी 10th(जिले में दशवाॅं स्थान) को प्रतीक चिन्ह देकर फूल मालाओं व  प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया इस अवसर  पर  प्रान्तीय उपाध्यक्ष  व








 कार्यक्रम संयोजक रामचंद्र वर्मा  ने  कहा कि    छात्र छात्राये  अभी से अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए कड़ी मेहनत एवं लगन के साथ पढ़ाई के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी जारी रखें ताकि भविष्य में होने वाली प्रतियोगिता में भी आप अपने विद्यालय एवं अपने माता-पिता का नाम रोशन करें ।

प्रदेश  संगठन मंत्री मदन राजपूत ने कहा कि संस्था   विद्यार्थियो के   कैरियर  निर्धारण किताबों एवं कोचिंग के लिए किसी भी आवश्यकता एवं धन की जरूरत होगी तो  संस्था  सहयोग करेगी इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री दुष्यन्त कुमार जी ने लक्ष्य परि वार के सभी सम्मानित पदाधिकारियों डा  चन्द शेखर शास्त्री, मदन राजपूत,  रामचन्द्र वर्मा,  के.के.सिंह,  यशपाल  सिह  सरिता राजपूत  अरविंद राजपूत डा योगेश राजपूत आदित्य नंदन  ,राजकुमार    आदि  का आभार व्यक्त किया।

राजकीय शिक्षक संघ की बैठक में निलंबन का किया गया विरोध

राजकीय शिक्षक संघ की बैठक में निलंबन का किया गया विरोध


 आज दिनांक 22अप्रैल 2023 को राजकीय शिक्षकों की बैठक, पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज थरा चितरा अमांपुर कासगंज पर

की गई जिसमें गौतम बुद्ध नगर गाजियाबाद मैं कार्यरत ईमानदार जुझारू एवं संघर्षशील साथी श्री सत्यपाल सिंह कर्दम जी का निलंबन बिना किसी जांच तथा बिना किसी आधार पर निराधार आरोप लगाते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक गौतम बुद्ध नगर द्वारा संस्तुति कर अपर शिक्षा निदेशक प्रयागराज द्वारा सस्पेंशन कराया गया है जो अत्यंत निंदनीय एवं पक्षपातपूर्ण है जिसका पुरजोर




 विरोध जनपद कासगंज के राजकीय शिक्षकों द्वारा एक सुर में किया गया तथा यह भी निर्णय लिया गया की यदि सत्यपाल सिंह कर्दम जी का निलंबन वापस नहीं लिया जाता है तो राजकीय शिक्षक जनपद कासगंज निलंबन के प्रति एकजुट होकर संघर्ष करेंगे और शीघ्र ही कर्दम जी का निलंबन वापस करें अन्यथा की स्थिति में धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा बैठक में राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक मदन राजपूत,     रामचन्द्र वर्मा, जी एस राजपूत  ,गजराज सिंह ,सुदेश कुमार, उमेश कुमार ,जितेंद्र प्रताप ,अशर्फीलाल ,प्रधानाचार्य लाल सिंह, विजय प्रताप आदि उपस्थित रहे साथ ही सभी ने सहमति दी कि इस घड़ी में हम सभी राजकीय शिक्षक तन, मन, धन से कर्दम जी के साथ हैं और अपील की गई की राजकीय शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश द्वारा शासन एवं मंडल तथा जनपद स्तर पर उच्चाधिकारियों से वार्ता की की जाए एवं कर्दम जी का निलंबन वापस कराया जाएआज दिनांक 22 अप्रैल 2023 को श्री सत्यपाल सिंह कर्दम का अनैतिक एवं अव्यवहारिक रूप से किए गए निलंबन को तत्काल वापस करने हेतु माननीय सदर विधायक कासगंज श्री देवेंद्र सिंह राजपूत के आवास पर पहुंचकर ज्ञापन दिया गया तथा माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को अवगत कराने हेतु अनुरोध किया गया जिस पर माननीय विधायक द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को अवगत कराने हेतु समस्त राजकीय शिक्षकों को आश्वस्त किया तथा अवगत कराया किं आज ही माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा ज्ञापन देने वाले सभी राजकीय शिक्षकों ने माननीय विधायक जी का धन्यवाद किया

25 अप्रैल 1999 का स्मरण - फालुन दाफा अभ्यासियों की शांतिपूर्ण अपील

25 अप्रैल 1999 का स्मरण - फालुन दाफा अभ्यासियों की शांतिपूर्ण अपील


चीन में 25 अप्रैल 1999 का शांतिपूर्ण विरोध एक मील का पत्थर कहा जा सकता है, जिसकी मार्टिन लूथर किंग और महात्मा गांधी ने भी सराहना की होती।

फालुन गोंग साधना अभ्यास के बारे में चीनी मीडिया में निंदनीय लेख लिखे जाने के खिलाफ लगभग 10,000 फालुन गोंग अभ्यासी अपील लेने के लिए, बीजिंग के झोंगनानहाई केंद्रीय सरकार परिसर में एकत्रित हुए और अपने नागरिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक विरोध किया।




फालुन गोंग (जिसे फालुन दाफा भी कहा जाता है) मन और शरीर का साधना अभ्यास है, जिसकी शुरुआत 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा चीन की गयी। इसके स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शिक्षाओं के कारण फालुन गोंग चीन में इतना लोकप्रिय हुआ कि कुछ ही वर्षों में करोड़ों लोग इसका अभ्यास करने लगे। फालुन गोंग की बढ़ती लोकप्रियता चीनी कम्युनिस्ट शासकों को खलने लगी।

चीन के कम्युनिस्ट शासन के इतिहास में 25 अप्रैल की अपील, न केवल अपने आकार के लिए उल्लेखनीय थी, बल्कि इसलिए भी कि यह पूरी तरह शांतिपूर्ण और व्यवस्थित थी।

हालाँकि, चीनी शासन ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। आज तक, कम्युनिस्ट शासक फालुन गोंग पर 25 अप्रैल, 1999 को "झोंगनानहाई केंद्रीय सरकार परिसर की घेराबंदी करने" का आरोप लगाते हैं। वे झूठा आरोप लगाते हैं कि 10,000 लोगों की भीड़ राष्ट्र और उसके नेताओं के लिए एक हिंसक खतरा थी। 

लेकिन सच्चाई से आगे कुछ भी नहीं हो सकता।

दिन भर यातायात सुचारू रूप से चलता रहा। कुछ अभ्यासियों ने वाहनों और पैदल यातायात के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए पहल की। पैदल चलने वालों को फुटपाथ का उपयोग करने देते हुए, अभ्यासी सड़क के किनारे पर चलते रहे। वे शांत और व्यवस्थित थे।

तत्कालीन चीनी प्रधानमंत्री झू रोंगजी ने फालुन गोंग प्रतिनिधियों से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि सरकार फालुन गोंग का विरोध नहीं करेगी। उसके बाद 10,000 अभ्यासी शांतिपूर्वक वापस जाने लगे। जाते समय अभ्यासियों ने अपने आस-पास की सफाई की, यहां तक ​​कि पुलिस द्वारा गिराए गए सिगरेट के टुकड़ों को भी उठाया। 

कम्युनिस्ट शासन के झूठे वादों के 2 महीने बाद, 20 जुलाई 1999 को चीनी शासक जियांग जेमिन ने फालुन गोंग अभ्यासियों पर अब तक का सबसे क्रूर दमन शुरू कर दिया जो आज तक जारी है। फालुन गोंग का अभ्यास करने के आरोप में अब तक लाखों चीनी लोगों का अपहरण कर जेलों में डाल दिया गया, यातनाएं दी गईं, स्कूलों, नौकरियों से निकाल दिया गया, या बेघर कर दिया गया। चीन में 80,000 यातनाओं के मामले सामने आये हैं। हजारों की हत्या कर दी गयी।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा फालुन गोंग का दमन और नरसंहार मानवता के खिलाफ अपराध है। भारत के नागरिकों को भी चीन में हो रहे मानवाधिकार हनन की निंदा करनी चाहिए और फालुन गोंग अभ्यासियों का समर्थन करना चाहिए। इस सन्दर्भ में भारत सहित अनेक देशों में यह याचिका बहुत प्रचलित हो रही है: www.change.org/supportfalungonghindi 

आप भी इस याचिका पर हस्ताक्षर कर चीन में फालुन गोंग अभ्यासियों पर 23 वर्षों से चल रहे दमन को समाप्त करने में सहयोग कर सकते हैं। इस बारे में और जानकारी आप www.faluninfo.net पर पा सकते हैं।

अमेरिका के शिकागो की रहने वाली एक महिला अपने घर का टॉयलेट पेपर ही खा जाती है.

अमेरिका के शिकागो की रहने वाली एक महिला अपने घर का टॉयलेट पेपर ही खा जाती है.

 आमतौर पर लोग टॉयलेट पेपर वॉशरूम में इस्तेमाल करने के लिए खरीद कर लाते हैं, लेकिन ये महिला इसके साथ-साथ टॉयलेट पेपर अपने खाने के लिए भी खरीद कर लाती है. वह टॉयलेट पेपर के रोल्स को ऐसे मजे से खाती है, जैसे कि चपाती और सलाद खा रही हो.



केशा की उम्र जब 34 साल थी, तब वह TLC के शो My Strange Addiction में नजर आई थीं. तब उन्होंने अपनी इस अजीबोगरीब लत यानी टॉयलेट पेपर खाने के बारे में बताया था. उनका कहना था कि उन्हें टॉयलेट पेपर खाने की लत तब लगी थी, जब वह महज छठी क्लास में पढ़ती थीं, लेकिन वह अपने माता-पिता से अलग रहती थीं, अपनी दादी और बुआ के साथ. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका कहना है कि टॉयलेट पेपर जीभ पर रखते ही 'हवा मिठाई' की तरह गल जाता है और यही चीज उन्हें अच्छी लगती है. उन्होंने बताया कि वह टॉयलेट पेपर की 2-4 नहीं बल्कि 75 शीट्स खा जाती हैं.

पुस्तक मेलों और फ्लावर शो में फालुन दाफा अभ्यास का परिचय

पुस्तक मेलों और फ्लावर शो में फालुन दाफा अभ्यास का परिचय

 

भारत में लोग सर्दियों के मौसम में पुस्तक मेलों और प्रदर्शनियों में जाने के लिए उत्सुक रहते हैं। पिछले कुछ वर्षों में कोविड प्रतिबंधों के कारण बहुत कम प्रदर्शनियों का आयोजन हुआ। हालांकि, अब अनेक शहरों में पुस्तक मेलों, प्रदर्शनियों और फ्लावर शो का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर भारत के फालुन दाफा अभ्यासी भी इन मेलों में भाग ले रहे हैं और लोगों को इस अनोखे आध्यात्मिक अभ्यास से अवगत करा रहे हैं।






फालुन दाफा (जिसे फालुन गोंग के नाम से भी जाना जाता है) एक प्राचीन साधना अभ्यास है जिसमें पांच सौम्य व्यायाम सिखाये जाते हैं जिसमें ध्यान भी शामिल है। फालुन दाफा को पहली बार चीन में मई 1992 में श्री ली होंगज़ी द्वारा सार्वजनिक किया गया। आज, 100 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग इसका अभ्यास कर रहे हैं। लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां 20 जुलाई 1999 से इसका दमन किया जा रहा है जो आज तक जारी है।

विभिन्न शहरों में पुस्तक मेलों का आयोजन

पिछले कुछ महीनों में पांडिचेरी, पुणे, कोलकता और दिल्ली में पुस्तक मेलों का आयोजन किया गया। इन पुस्तक मेलों में विभिन्न शहरों के फालुन दाफा अभ्यासियों ने भाग लिया। इन पुस्तक मेलों के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने फालुन दाफा स्टालों का दौरा किया। अभ्यासियों ने नियमित रूप से फालुन दाफा के पांच व्यायामों का प्रदर्शन किया और अभ्यास के बारे में सूचना पत्रक वितरित किए। अभ्यासियों ने लोगों को कागज के कमल पुष्प भी बांटे। कई आगंतुकों ने फालुन दाफा अभ्यासों को सीखने में रुचि व्यक्त की और यह सुनकर आश्चर्य किया कि अभ्यासी हमेशा व्यायामों को पूरी तरह से निःशुल्क सिखाते हैं।

बैंगलोर की वार्षिक “चित्रा संते” कला प्रदर्शनी 

बैंगलोर में इस वर्ष रविवार, 8 जनवरी को वार्षिक कला प्रदर्शनी “चित्रा संते” का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में 1200 से अधिक स्टालों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया और लाखों लोगों ने इस मेले का दौरा किया। फालुन दाफा अभ्यासियों ने भी इस अवसर पर स्टाल लगाया और लोगों को “सत्य करुणा सहनशीलता” से सम्बंधित कला चित्रों को प्रदर्शित किया। साथ ही उन्होंने लोगों को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा फालुन दाफा अभ्यासियों पर 23 वर्षों से चल रहे दमन के बारे में बताने के लिए फ़्लायर वितरित किए।

बैंगलोर फ्लावर शो

इस वर्ष जनवरी में बैंगलोर के लालबाग उद्यान में लोकप्रिय पुष्प प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस अवसर पर फालुन दाफा अभ्यासियों ने भी एक स्टाल लगाया, जहां उन्होंने व्यायामों का प्रदर्शन किया और अभ्यास के बारे में जानकारी वितरित की। फ्लावर शो का मुख्य आकर्षण फूलों से बना एक विशाल म्यूरल था जिसमें एक कमल पुष्प को हाथों में थामे हुए दर्शाया गया था। म्यूरल पर एक ओर इंग्लिश और दूसरी ओर कन्नड़ भाषा में लिखा था – “विश्व को आवश्यकता है सत्य, करुणा, सहनशीलता की”, जो फालुन दाफा के मूल नियम हैं। इस म्यूरल को सभी लोग सराह रहे थे और बहुत से युवा इसके आगे सेल्फी खिंचा रहे थे।    

भारतीय फालुन दाफा अभ्यासी निस्वार्थ रूप से देश भर में इस अनोखे अभ्यास का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। फालुन दाफा लोगों को अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने, उनके मन को शांत करने और जीवन में सही राह दिखाने में मदद कर रहा है। यदि आप यह अभ्यास सीखने के इच्छुक हैं, तो www.LearnFG.in पर नि:शुल्क वेबिनार के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। इस अभ्यास के बारे में अधिक जानकारी आप www.falundafa.org पर देख सकते हैं।